दैनिक रुड़की ब्यूरो::
रुड़की।नन्हेड़ा अनन्तपुर व जहाजगढ़ के लोगों का जीवन बड़े संकटों से भरा है। सीमेंट कंपनी की प्रदूषण डस्ट से ग्रामीण नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। जिस संबंध में स्थानीय ग्रामीणों ने कंपनी प्रबंधन को कई बार प्रदूषित डस्ट पर नियंत्रण करने की बात कही, लेकिन उक्त समस्या आज तक ज्यों की त्यों बनी है। इस संबंध में स्थानीय ग्रामीण राजू सैनी ने एनजीटी फरीद कोर्ट दिल्ली में शिकायत की, तो एनजीटी द्वारा हरिद्वार डीएम से रिपोर्ट मांगी गई। हरिद्वार डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल द्वारा डीएफओ हरिद्वार के नेतृत्व में जांच टीम गठित की, गठित जांच टीम ने 19 अगस्त को नन्हेड़ा अनन्तपुर स्थित अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी का औचक निरीक्षण किया और सैम्पल भी लिए। इसके बाद टीम लौट गई।
वहीं पीड़ित/शिक़ायत कर्ता राजू सैनी ने बताया कि बिना उन्हें बताए टीम ने निरीक्षण किया है, जिसमे सिर्फ लीपापोती की गई। इसके बाद टीम ने 26 अगस्त को फिर सीमेंट कंपनी का निरीक्षण किया ओर कंपनी के सभागार में स्थानीय छुटभैये नेताओं व अधिकारियों के साथ बैठक कर टीम रवाना हो गयी। वहीं डीएफओ नीरज शर्मा ने बताया कि एनजीटी में शिकायत की गई थी, जिसके तहत डीएम के निर्देशन में गठित टीम ने आज कंपनी का निरीक्षण किया और रिपोर्ट डीएम को सौंपी जायेगी।
वहीं पीसीबी अधिकारी इंजी. सोमपाल सिंह ने साफ कहा कि जांच में कंपनी से प्रदूषण संबंधित कोई भी ऐसी बात सामने नही आई है, उनके ब्यान से साफ नजर आता है कि वह कंपनी प्रबंधन का पूरा सहयोग कर रहे है। वहीं जेएम अभिनव शाह ने बताया कि जांच टीम ने सीमेंट कंपनी का निरीक्षण किया है ओर सैम्पल भी लिए है, जो भी सैम्पल में आएगा, उसी के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जायेगी।
वहीं स्थानीय ग्रामीणों व शिकायत कर्ता ने बताया कि सीमेंट कंपनी ने स्थानीय लोगों का जीवन नरक बना दिया है, कई ग्रामीण ऐसे है, जिनका यदि चेकअप किया जाए, तो वह गंभीर बीमारी से ग्रसित मिलेंगे। जांच टीम की खानापूर्ति पर भी ग्रामीणों व शिकायत कर्ता ने सवाल खड़े किए। अब देखने वाली बात यह होगी कि ग्रामीणों को इस प्रदूषित डस्ट से कब तक निजात मिलेगी।