दैनिक रुड़की (फिरोज खान)::
मंगलौर। नवासा ए रसूल हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों द्वारा कर्बला के मैदान में दी गई शहादत के बाद उनके चेहलुम का सिलसिला नगर में शुरू हो गया है। इस सिलसिले से पिछले कई दिनों से इमामबाड़ों में मजलिसों का सिलसिला भी जारी है जिन्हें उलेमा हजरात संबोधित कर रहे हैं। इस संबंध में सोमवार को हजरत इमाम हुसैन का पहला चेहलुम मनाया गया जिसमें भारी संख्या में लोगों ने भाग लेकर कर्बला के शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
शहीदे आजम हजरत इमाम हुसैन और उनके खानदान के दूसरे लोगों तथा उनके मित्रों की शहादत के 40 दिन पूरे होने पर कर्बला के शहीदों का चेहलुम मनाया जाता है। नगर से लेकर देहात तक विभिन्न इमामबाड़ों में पिछले कई दिनों से मजलिसों का सिलसिला जारी है जिन्हें विभिन्न उलेमा हजरात संबोधित कर हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत पर विस्तार से प्रकाश डाल रहे हैं। नगर के मौहल्ला पठानपुरा स्थित इमामबाड़ा दरबार हुसैन तथा बड़े इमामबाड़े पर मजलिस को जौनपुर उत्तर प्रदेश से पधारे मुस्लिम धर्मगुरु डॉ मौलाना उरूज जौनपुरी संबोधित कर रहे हैं। इसके अलावा बारगाहे बाबुल मुराद में मौलाना इकबाल हुसैन तथा बारगाहे जैनबिया में भी अन्य उलेमा मजलिस को संबोधित कर रहे हैं।
नगर के मोहल्ला हल्का स्थित दोनों इमामबाड़ों में भी मजलिसों का सिलसिला जारी है। वहीं ग्राम टांडा भंनेड़ा तथा जैनपुर झंझेडी स्थित इमामबाड़ों में मजलिसों का सिलसिला लगातार जारी है जिन्हें देश के विभिन्न स्थानों से आए मुस्लिम धर्मगुरु संबोधित कर रहे हैं। हजरत इमाम हुसैन के चेहलुम की शुरुआत नगर के मोहल्ला बंदर टोल स्थित इमामबाड़े से सोमवार को हुई।
यहां पर मजलिस को दिल्ली से पधारे मौलाना नजर मौहम्मद ने संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने हजरत इमाम हुसैन व उनके साथियों की शहादत पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि हज़रत इमाम हुसैन ने किसी हुकूमत या सत्ता के लिए कर्बला में अपनी कुर्बानी पेश नहीं की थी बल्कि उस वक्त के जालिम शासक द्वारा ऐसे हालात पैदा कर दिए गए थे कि पूरी मानव जाति को खतरा उत्पन्न हो गया था।
उसी के चलते हजरत इमाम हुसैन ने आवाज बुलंद की थी तथा जंग के इरादे से कर्बला में न जाकर वह दीन इस्लाम तथा इंसानियत की रक्षा के लिए कर्बला पहुंचे थे ताकि जालिम शासक को बताया जा सके की इंसानियत हमेशा जिंदा रहेगी तथा उसका परचम हमेशा बुलंद रहेगा। यहां पर मजलिस के बाद अलम तथा शबीहे जुजनाह बरामद किया गया। लोगों ने मन्नतें मांगी तथा खुदा की बारगाह में देश व दुनिया में अमन चैन की दुआएं मांगी गई।
इस अवसर पर इमामबाड़ा प्रबंधक तनवीर हुसैन, अनीस अहमद, जिंदा हसन, चौधरी तसव्वुर हुसैन, इकबाल हुसैन, मेहरबान अली, फुरकान अहमद आदि भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। हजरत इमाम हुसैन के चेहलुम का यह सिलसिला आगामी 15 सितंबर तक मंगलौर कोतवाली क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर जारी रहेगा।
नगर क्षेत्र में 5 व 6 सितंबर को मोहल्ला हल्का तथा पठानपुरा में मातमी जुलूस निकले जाएंगे। इसके अलावा 7 सितंबर को नगर के मौहल्ला पठानपुरा में मुख्य चेेेहलुम का जुलूस निकाला जायेगा। ग्राम टांडा बनेड़ा में 8 सितंबर, लंढौरा में 9 सितंबर, जैनपुर झंझेडी में 10 सितंबर तथा उसके बाद जैनपुर झेंझड़ी में पुराने इमामबाडे में 15 सितंबर को हजरत इमाम हुसैन का चेहलुम मनाया जायेगा।