दैनिक रुड़की (राहुल सक्सेना)::
रुड़की। रिटायर्ड सिंचाई विभाग कर्मचारी की हत्या का खुलासा करते हुए पुलिस ने लूट के मकसद से सेवाश्रम में घुसे अभियुक्तों ने की थी बुजुर्ग की हत्या का खुलासा करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है दो आरोपी अभी फरार है। मामले में खुलासे के लिए 3500 से अधिक ई-रिक्शा को चैक कर पुलिस टीम मुख्य आरोपी तक पहुंची। नकली नोटों की कटाई-छंटाई की बात भी सामने आयी है जिसकी पड़ताल की जा रही है। खुलासा करने वाली टीम पर DGP उत्तराखण्ड द्वारा 25 हजार, IG रेंज द्वारा 10 हजार व SSP हरिद्वार द्वारा की गई 05 हजार के ईनाम की घोषणा की है। मृतक के परिजन द्वारा पुलिस टीम को 51000/- रुपये का चैक भेंट किया है। एसएसपी हरिद्वार प्रमेंद्र डोबाल ने मामले का खुलासा करते हुए कहा कि 11 सितंबर देर शाम कनखल के बैरागी कैंप में रिटायर्ड सिंचाई कर्मचारी की गला रेतकर हत्या की खबर मिलने पर तमाम पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे।
मृतक अशोक चढ्डा द्वारा सेवानिवृत्त होने के पश्चात बैरागी कैंप क्षेत्र में सेवाश्रम बनाया गया था जहां यात्रियों और कामगारों को किराये पर कमरे दिए जाते थे। मृतक का खून से सना हुआ शव बाथरुम में पड़ा हुआ था।शुरुआती जांच में सेवाश्रम में बतौर केयर टेकर नियुक्त नरेन्द्र शक के घेरे में था किन्तु पुलिस द्वारा की गई गहराई से जांच और पड़ताल में हत्यारे सेवाश्रम के किराएदार और उनके साथी निकले जिन्हे मृतक द्वारा कुछ दिन पहले ही पहचान पत्र और किराया न देने पर आश्रम से बाहर का रास्ता दिखाकर किराए के कमरे पर ताला जड़ दिया था।
सेवाश्रम से बाहर निकाले गए किराएदार भानू और संदीप अक्सर मृतक के कमरे में झाड़ू-पोछा किया करते थे। इस दौरान कमरे में टांगी गई चाबियों के छल्ले, बिस्तर के नीचे रखे कागजात और बच्चों के अच्छे रोजगार में लगे होने के चलते अभियुक्तों को मृतक के कमरे में मोटी रकम होने का अंदाजा लगाकर लूट की वारदात को अंजाम देने का प्लान बनाया गया।
सेवाश्रम से बाहर निकाले गए किराएदारों को नशा करने की आदत होने के चलते शाम को सभी एक साथ मिले जहां नशा करने के दौरान कुछ साथी और मिले। इस दौरान ही अभियुक्तों ने लूट का प्लान बनाया था। अभियुक्तों द्वारा बाहर से नकली नोट मंगाकर उनकी काट-छांट करने और तैयार नकली नोटों के असली नोटों की गड्डियों के बीच रखकर नशा सामग्री खरीदने की बात भी सामने आयी है जिस सम्बन्ध में पड़ताल करते हुए और अधिक जानकारी जुटाई जा रही है।
मिले सुराग के आधार पर पुलिस टीम ने 3500 से अधिक ई-रिक्शा को चैक करने के पश्चात पूरी वारदात का खुलासा करते हुए हत्या/लूट में शामिल मुख्य अभियुक्त सहित 04 अभियुक्तों को दबोचने में सफलता हासिल की। टीम ने अभियुक्तों की निशांदेही पर श्रीयंत्र पुल के नजदीक से घटना में प्रयुक्त पाटल, मृतक के खून से सने अभियुक्तों के कपड़े व लूट के दौरान मृतक के कुर्ते से निकाले गए 7000/- रुपए बरामद किए गए।
प्रकरण में शामिल 02 अन्य अभियुक्त फरार चल रहे हैं जिनकी तलाश की जा रही है।*खुलासा टीम पर ईनामों की बौछार-*कम समय में ब्लाइंड मर्डर केस के सफल खुलासे पर पुलिस टीम हेतु DGP उत्तराखण्ड अशोक कुमार द्वारा 25 हजार, IG रेंज करण सिंह नगन्याल द्वारा 10 हजार व SSP हरिद्वार प्रमेन्द्र डोबाल द्वारा 05 हजार के ईनाम की घोषणा की घोषणा की गई साथ ही मृतक के परिजन द्वारा पुलिस टीम को 51000/- रुपये का चैक भेंट किया गया।
पकड़े गए आरोपियों के नाम भानु प्रताप पुत्र कटार सिंह निवासी हस्तिनापुर मेरठ उ0प्र0 हाल निवासी मायाविहार जगजीतपुर कनखल,अभिजीत उर्फ सुक पुत्र मनमोहन सिंह निवासी आर्यनगर ज्वालापुर हरिद्वार,संदीप कुमार पुत्र जवाहर सिंह निवासी पण्डितपुरी रायसी लक्सर औरमनीष गिरी पुत्र जनेश्वर निवासी बैराज कालोनी मायापुर कोतवाली हरिद्वार बताया गया है।
पुलिस टीम में थानाध्यक्ष नितेश शर्मा, एसआई देवेन्द्र सिंह तोमर, कमल कांत रतूडी, उपेन्द्र सिंह, सोनल रावत, हैड कांस्टेबल हरेन्द्र सिंह, शक्ति सिंह, कॉन्स्टेबल बलवंत सिंह, सतेन्द्र रावत,अरविन्द नौटियाल, संजू सैनी, उमेद सिंह,मनीष रावत, विजयपाल,राजेश चौहान, अजिता पंवार,प्रियंका तोमर और विवेक यादव शामिल रहे। सीआईयू टीम हरिद्वार में एसआई विजय सिंह, पवन डिमरी, सुन्दर लाल, हैड कांस्टेबल पदम सिंह और उमेश सिंह शामिल रहे।