दैनिक रुड़की (राहुल सक्सेना):::
रुड़की। हरिद्वार डकैती प्रकरण में शामिल चौथे आरोपी अमनदीप की गिरफ्तारी के बाद कई अहम जानकारियां सामने आई हैं। मामले में एक आरोपी मुठभेड़ में मारे जाने के अलावा अब तक चार आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। गिरफ्तार अमन ने बताया कि पहले कई महीनो तक रेकी होती थी और फिर वारदात को अंजाम देकर भागने की भी फुलप्रूफ प्लानिंग, रास्ते में भागने के लिए तैयाररहती थी,रास्ते में गाड़ियां भी खड़ी रहती थीं। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर निकल भागने में इस्तेमाल स्कूटी झाड़ियों और मोटरसाइकिल नहर से बरामद की है। आरोपी होटल में रुकने तथा मोबाइल नंबर के लिए फेक आईडी का प्रयोग करते थे। एक सितंबर को कोतवाली ज्वालापुर क्षेत्रांतर्गत रानीपुर मोड़ के पास श्री बालाजी ज्वेलर्स में दिनदहाड़े समय लगभग 1:30 बजे हथियारबंद 05 बदमाशों द्वारा डकैती की घटना को अंजाम दिया था। दिनदहाड़े हुई इस बड़ी घटना से जनपद हरिद्वार सहित पूरे प्रदेश में सनसनी फैल गई। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और डीजीपी अभिनव कुमार स्वयं मामले में नजर बनाए थे एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल के नेतृत्व में पुलिस टीम ने अब तक न सिर्फ गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया बल्कि एक को मुठभेड़ में मार भी गिराया है। बुधवार देर शाम हरियाणा से गिरफ्तार किए गए चौथे आरोपी अमन कांबोज ने बताया कि वह लक्की व सुभाष पिछले लगभग चार महीना से हरिद्वार में अलग-अलग ज्वेलर्स की दुकानों में रैकी कर डकैती की घटना करने की योजना बना रहे थे और श्री बालाजी ज्वैलर्स डकैती की घटना से लगभग चार दिन पहले हरिद्वार आकर बाइक स्कूटी में घूमकर इस दुकान की बेहद बारीकी से लगातार रैकी कर रहे थे। वह ऐसी दुकानों को टारगेट करते थे जिनमे गार्ड न हो या गार्ड बुजुर्ग हो या गार्ड के पास किसी भी प्रकार का कोई हथियार न हो जिससे इनको घटना करने में आसानी हो।साथ ही ऐसे समय पर घटना को अंजाम देते थे जब आवाजाही कम हो। इसलिए श्री बालाजी ज्वेलर्स में घटना करने के लिए रविवार का दिन चुना गया क्योंकि इस दिन और दिनों की अपेक्षाकृत भीड़ कम रहती है इसलिए पकड़े जाने के चांस भी कम थे।
सबसे पहले आरोपी पूरे जनपद में घूम घूम कर दुकान का चयन करते थे। आने एवं जाने के सभी रास्तों को बारीकी से देखा जाता था। आरोपी घटना से पूर्व होटल/धर्मशाला में रुकने के लिए फर्जी आईडी का प्रयोग करने के साथ साथ फर्जी फोन नंबर दर्ज कराते थे व रैकी कर चिन्हित की गई शॉप में घुसकर दुकान कर्मचारियों का मोबाइल छीनकर, फायर करके एकदम दहशत फैलाकर हथियार के बल पर डरा धमकाकर लूट कर जाते समय मिर्च का स्प्रे मार देते थे जिससे इनको भागने का टाइम मिल जाए। साथ ही लूट/डकैती में प्रयुक्त वाहनों को कुछ आगे ले जाकर नहर या झाड़ी या गुमनाम जगह में डाल कर भागने के लिए दूसरे वाहन (यहां पर कार) का प्रयोग करते थे।
घटना के बाद अपनी गाड़ियों एवं रास्तों की ट्रैकिंग की पहचान छुपाने के लिए रास्ते में पडने वाले अलग-अलग टोल के सीसीटीवी से बचकर फरार हो जाते थे। यह कभी भी मुख्य मार्ग का इस्तेमाल नहीं करते थे गांव देहात के पगडंडियों व कच्चे रास्तों का भी इस्तेमाल करते थे ताकि कैमरे की नजर में ना आ सकें और पुलिस इनको ट्रैक करके किसी भी फाइनल नतीजे पर ना पहुंच सके लेकिन इनकी सभी चालाकी हरिद्वार पुलिस के आगे फेल हो गई।
आरोपी पूर्व में उत्तराखंड व हिमांचल में लूट/डकैती की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं एवं इनका मुखिया सुभाष का "कराटे गैंग" हरियाणा, दिल्ली सहित अन्य राज्यों में भी कई घटनाओं को अंजाम दे चुका है। कई राज्यों की पुलिस द्वारा सुभाष उपरोक्त की तलाश जारी है।
अमन कांबोज, लक्की व सुभाष ने कुछ समय पूर्व ऊना हिमाचल प्रदेश में मुथुट गोल्ड फाइनेंस में भी लूट का प्रयास किया था जहां ये सायरन बजने की वजह से पूर्ण रूप से सफल नहीं हो पाए लेकिन कर्मचारियों का मोबाइल छीनकर और फायर करके मौके से भाग गए थे।पुलिस द्वारा इस बात की भी जानकारी निकाली जा रही है कि इनको स्थानीय स्तर व प्रदेश स्तर में किसी प्रकार की कोई मदद तो नहीं की गई है।
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