दैनिक रुड़की (योगराज पाल):::
रुड़की। भारतीय किसान यूनियन तोमर 22 अक्टूबर को एआरटीओ कार्यालय पर महापंचायत कर हाईवे जाम करेंगे। दावा किया है कि इस महापंचायत में सैकड़ों ट्रैक्टरों पर हजारों किसान पहुंचेंगे। किसानों की मांग है कि एआरटीओ विभाग के अधिकारियों की संपत्ति की जांच हो और किसानों पर मुकदमें लिखवाने वालों को निलंबित किया जाए।
ज्वाइंट मस्जिट्रेट आशीष कुमार मिश्रा को दिए ज्ञापन में भाकियू तोमर द्वारा बताया गया कि 6 अगस्त को संगठन द्वारा एआरटीओ कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया गया था जिसमें टीटीओ अनिल नेगी के द्वारा संगठन की महिलाओं को कुछ अप शब्द कहने पर उनके साथ धक्का मुक्की हो गई थी। वही किसानों की मांगों को लेकर एआरटीओ से शांतिपूर्ण वार्ता संगठन पदाधिकारी की हुई। आरोप है कि उसके बाद षड्यंत्र के तहत एआरटीओ विभाग के अधिकारियों ने किसानों की आवाज को दबाने के लिए उनके ऊपर डकैती एवं अन्य धाराओं में फर्जी मुकदमे लिखवाये और कुछ किसान नेताओं को जेल भिजवाया गया। प्रदेश अध्यक्ष सचिन गुर्जर ने बताया कि इस प्रकार से किसानों की आवाज को दबाने का काम किया जा रहा है जो की बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आरोप लगाया कि एआरटीओ के अधिकारियों द्वारा लोगों के काम करवाने के बदले में पैसों की वसूली अवैध रूप से की जाती है जिसकी जांच होनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने मांग की कि किसानों पर लगे फर्जी मुकदमे लिखवाने वाले अधिकारी निलंबित किए जाएं और विभाग के अधिकारियों की संपत्ति की सीबीआई जांच करवाई जाए। उन्होंने कहा कि जब तक यह मांगें पूरी नहीं होती तब तक किसानों का धरना जारी रहेगा। ज्ञापन देने वालों में कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष परविंदर चौधरी,विकास बलिया,इमरान,दिनेश शर्मा, यूनुस प्रधान, राजकुमार सैनी, सुमित उपाध्याय,मुशीर आलम, शाहिद,सचिन सैनी,शाहिद,अचिन सैनी, खालिद, वर्मेंद्र सिंह आदि लोग मौजूद रहे।
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