दैनिक रुड़की (योगराज पाल):::
रुड़की। चावमंडी स्थित जगन्नाथ हॉस्पिटल के बाहर आज मानकपुर गांव के लोगों ने जमकर चिकित्सक के खिलाफ हंगामा किया और धरना शुरू कर दिया। पीड़ित युवक के चाचा धर्मपाल ने बताया कि जहाजगढ़ के समीप 26 अक्टूबर को उनका भतीजा सोनू कुमार पुत्र स्व. जल सिंह सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था। जिसके कारण उसके पैर में गंभीर चोट आ गई थी। परिजनों ने घायल सोनू को रुड़की के चावमंडी में जगन्नाथ हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। जहां चिकित्सक ने घायल का उपचार शुरू किया, जांच के बाद चिकित्सक ने कहा कि पैर का ओपरेशन करना पड़ेगा जिसमे मोटा खर्च आएगा। उन्होंने बताया कि हमने आनन फानन में रकम जमा कराई तब चिकित्सक द्वारा घायल सोनू का उपचार शुरू कर दिया गया। तब सोनू का 27 अक्टूबर को डॉक्टर ने ऑपरेशन किया गया। लेकिन उपचार के दौरान सोनू की तबियत में कोई सुधार नही आया। जिसके बाद परिजनों ने चिकित्सक से पूछा कि, मरीज के पैर में पस पड़ रही है, तो डॉक्टर ने कहा कि मैं डॉक्टर हूं, मुझे मत बताओ क्या करना है, क्या नहीं। इसके बाद चिकित्सक ने उन्हें मरीज को कही ओर ले जाने की बात कही, जब वह दूसरी जगह उपचार कराने के लिए गए, तो वहां डॉक्टरों ने हालत गंभीर बताते हुए मरीज के पैर में सेप्टिक होने का हवाला देते हुए पैर काटने का सुझाव दिया, जिसके बाद परिजनों ने अन्य चारा न देखते हुए चिकित्सक के निर्णय को मान लिया। जिसके बाद चिकित्सक ने मरीज के पैर को काट दिया, अब मरीज सोनू अपना जीवन यापन कैसे करेगा, यह समस्या परिवार पर आन पड़ी है, आज मरीज सोनू परिजनों व ग्रामीणों के साथ जगन्नाथ हॉस्पिटल में पहुंचा और धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। सोनू व उसके परिजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही के आरोप लगाए।जिसकी तहरीर उन्होंने गंगनहर पुलिस को दी है। लेकिन पुलिस ने उनकी रिपोर्ट पर कोई संज्ञान नहीं लिया। साथ ही यह भी कहा कि आज जब वह हॉस्पिटल पहुंचे, तो तुरंत पुलिस अस्पताल की सुरक्षा के लिए आन खड़ी हुई। पुलिस भी पीड़ितों को न्याय नहीं दिलवा रही। वहीं सूचना पाकर एसएसआई प्रदीप कुमार पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझा बुझाकर मामला शांत कराया। उन्होंने कहा कि आप लोग पीड़ित हैं लेकिन आचार संहिता में भीड़ इकट्ठा करना अपराध है। इसलिए अपनी तहरीर पुलिस को देकर कानूनी कार्रवाई करें। वहीं एसएसआई प्रदीप कुमार ने बताया कि परिजनों व मरीज ने आज जगन्नाथ हॉस्पिटल के बाहर धरना दिया, जिन्हें समझा बुझाकर शांत कराया। तहरीर के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। वहीं डॉ. पारित अग्रवाल ने बताया कि मरीज सोनू उनके यहां भर्ती था, लेकिन उनकी गलती से मरीज का पैर नहीं कटा। उनके यहां कोई लापरवाही नहीं बरती गई। मरीज का पैर कटने की नौबत कैसे आई उनकी जानकारी में नही है। परिजनों ने मरीज की छुट्टी करा ली थी।
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