दैनिक रुड़की (फिरोज खान)::
मंगलौर। उत्तराखंड की नम्बर वन के नाम से जाने जानी वाली कृषि उत्पादन मंडी समिति यानि मंगलौर गुड़ मंडी अब सुनसान नज़र आने लगी है जिसके साथ मंडी में व्यापार करने वाले व्यापारियों की हालत भी खराब होने लगी है प्रशासन और सरकार से कई बार गुहार लगाने के बाद अब गुड़ व्यापारी लाचार नज़र आ रहे
रविवार को मंगलौर स्थित गुड मंडी में
गुड़ व्यापारियों द्वारा एक प्रेस वार्ता की गई जहां पर गुड़ व्यापारी सचिन मदान ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि हरिद्वार जिले में लगभग 500 कोल्हू है जहाँ पर गुड़ बनाया जाता है पर अब हालात यह हो चुके है कि मात्र 60 ही कोल्हू का गुड़ मंडी तक पहुँच रहा है जिसके चलते उनके साथ साथ गुड़ मंडी में काम करने वाले मजदूरों को भी खर्चे के लाले पड़ने लगे है उन्होंने बताया हरियाणा पँजाब या अन्य जगहोँ से आने वाले व्यापारी गुड़ मंडी से माल ना खरीदकर खुद कोल्हुओं से डायरेक्ट माल खरीद रहे है जिसको लेकर सरकार को तो राजस्व का नुकसान हो रहा है और अब उनको भी आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वही सुधीर बंसल ने बताया कि सभी व्यापारियों द्वारा कई बार रूडकी जॉइन्ट मजिस्ट्रेट को इस संबंध में ज्ञापन भी दिया गया है लेकिन आज तक कोई समस्या का समाधान नहीं हो पाया है वही मंडी समिति के कर्मचारी खुद बाहर से आने वाले व्यापारियों के साथ मिलीभगत कर सरकार को भी लाखों रुपयों का चूना लगा रहे है।
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