दैनिक रुड़की (योगराज पाल):::
रुड़की। भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज( रजि.) भावाधस की बैठक में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित किए गए आरक्षण में वर्गीकरण के समर्थन एवं निर्णय को तत्काल प्रभाव से पूरे उत्तराखंड में लागू किए जाने की मांग उठाई गई। वहीं ठेका प्रथा खत्म कर सफाई कर्मियों को नियमित करने की मांग पदाधिकारियों ने उठाई।
नगर निगम सभागार में भावाधस प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र बब्बर के नेतृत्व में आयोजित बैठक में पूरजोर तरीके से मांग की गई कि उत्तराखंड प्रदेश के अंदर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। वीरश्रेष्ठ बालचंद एवं वीर चरण सिंह बबरिक ने कहा आजादी के बाद से लागू आरक्षण में वाल्मीकि समाज के साथ-साथ अन्य अनुसूचित जाति के वंचित समाज को इसका लाभ पूर्णता नहीं मिल पाया। जिसकी वजह से वाल्मीकि समाज एवं अन्य वंचित समाज के लोगों का समाज की मुख्य धारा से जुड़ाव नहीं हो पाया। बालचंद आदिवासी ने कहा भावाधस पिछले कई दशकों से सरकार से प्रथक आरक्षण हेतु विभिन्न माध्यमो से भारत सरकार से मांग करता रहा है।
जब तक सरकार आरक्षण में वर्गीकरण को लागू नहीं कर देती तब ये आंदोलन जारी रहेगा। इस अवसर पर बाल चंद ने ठेका प्रथा का विरोध करते हुए कहा यदि सरकार वास्तव में इस हित में काम करना चाहती है तो सफाई कार्य से ठेका प्रथा समाप्त करनी चाहिए। इस अवसर पर हंसराज कटारिया,सोहन सिंह,संजीत टांक,राकेश चिनालिया, संदीप चनालिया, सुरेशचंद,रविंद्र साजन कुलदीप जिला अध्यक्ष संदीप सोदाई,संदीप कांगड़ा,रवि टांक अंकित,वीरेंद्र डॉरियल,राजू लहरा अमित तलवार,लखन वाल्मीकि, सुरेंद्र बिरला,रविंद्र तलवार, हर्ष तलवार विनोद गुजरल,बंटी घाघट, इंद्रेश सोदाई आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
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